कुछ देर नयन अपने मूंदो
कुछ देर स्वयं को बिसरा दो
कुछ देर स्वयं में झांको तुम
इतना कि स्वयं को जान सको
तुम देह नहीं कुछ और भी हो
इस होने को पहचान सको
खुद को चिन्तन का मौका दो
अनगिनत योनियों में प्राणी
जन्मते और मर जाते हैं
यह नश्वर क्षण भंगुर जीवन
कुछ लोग अमर कर जाते हैं
तुम भी कुछ ऐसा होने दो
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