खण्ड खण्ड होता रहा अपना देश अखंड।

हर युग मे होते रहे जाफ़र औ जयचंद।।

गद्दारों का शुरू से ओहदा रहा बुलन्द।

जासूसी करते मिले सदा अच्युतानंद।।

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