हैरत होती है 

जब तुम कहते हो

मेरे प्रभु के सर पर छत नहीं है

आश्चर्य होता है पुनः

जब तुम कहते हो

मेरा ख़ुदा का घर छिन गया

क्या सचमुच तुम्हारे ईश्वर और ख़ुदा

इतने लाचार हैं

शायद यही सच है

वरना उनकी हिफाज़त के लिए

तुम लामबंद नहीं होते।

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