मेरा इतना अच्छा होना ठीक नहीं ।

उसका भी हम जैसा होना ठीक नहीं ।।

  अपने और पराए  वाली  दुनिया में

बोझ सरीखा रिश्ता होना  ठीक नहीं ।।

जाने किस दुनिया मे  खोए रहते हो

इतना भी सपनीला होना ठीक नहीं ।।

 बेमतलब है दवा समय के बाद मिले 

इंतज़ार का लंबा होना ठीक नहीं ।। 

दर्द बहुत होगा रिश्तों की तल्खी में

अपनो का अनजाना होना ठीक नहीं ।।

सुरेश साहनी, कानपुर

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