ज़िन्दगी कुछ तो बताती चल।
या हँसा दे या रुलाती चल।।
सब दिया है पर शिकायत है
क्या कमी है ये बताती चल।।
बोझ बासी हो गए सम्बन्ध
नित नए रिश्ते बनाती चल।।
सादगी में दाम घटते हैं
ऐंठती या भाव खाती चल।।
फेल हैं तो पास भी होंगे
तुझको हक है आज़माती चल।।
प्रेम का क्या मोल मिलता है
कौड़ियों में ही लगाती चल।।
सुरेशसाहनी
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