जय गणेश    गणनायक स्वामी ।

गुण निधान गुणदायक स्वामी।।

गुरु पितु मात प्राण सम तुम्हरे

सकल अभीष्ट चरण में तुम्हरे

मोदक प्रिय जनगण अनुगामी।।

रीद्धि सिद्धि सुख देने वाले

दुःख दरिद्र सब हरने वाले

मूषक वाहन मनगतिगामी।।

श्री गणेश उरपुर कैलाशा

करत उमा शिव सहित निवासा

बार बार प्रभु करहूँ नमामी ।।

विघ्न हरण त्रय ताप नसावन

गौरी सुत गुनग्राम गजानन

सुंदर सहज नयन अभिरामी।।


श्री गणेश स्तुति

रचनाकार   -- सुरेश साहनी

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