वाकई मुश्किल घड़ी है क्या करें।

भाँग कुएं में पड़ी है क्या करें।।


आदमी की जान सस्ती हो गयी

सिर्फ महंगाई बढ़ी है क्या करें।।


हम युवा उम्मीद ताज़ा दम भी हैं

पर व्यवस्था ही सड़ी है क्या करें।।


किस तरह हो मुल्क में चैनो-अमन

जंग आपस में छिड़ी है क्या करें।।


मुल्क़ क्या सुधरेगा गर सरकार ही

न सुधरने पर अड़ी है क्या करें।।


एक मेरे खटिया बिछाने से तेरी

खाट हो जाती खड़ी है क्या करें।।


गर तुझे विश्वास है तो संग रह

शर्त थोड़ी सी कड़ी है क्या करें।।

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