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Showing posts from March, 2012

veekeleaks

जनरल साहेब ! इतने दिन से कुर्सी पर बैठ कर क्या कर रहे थे? हमारे यहाँ  मीडियापर बोलने  का चलन बढ़ रहा है . व्यवस्था में बदलाव की आवश्यकता है. देश की सुरक्षा के  फैसलों पर  क्रियान्वयन देर से हो रहा है ,यह चिंता  का विषय है.कई बार इसमें २० से ३०  सालों का अंतराल  हो जाता है. इसके लिएजसवंत सिंह ,फर्नांडीस ,मुलायम सिंह अंटोनी ,ब्रिजेश मिश्र   UPA और  NDA सभी दोषी हैं . और सबसे अधिक दोषी हैं सेना और रक्षा से जुड़े अधिकारी गण.लेकिन  अब आरोप-प्रत्यारोप की बजाय गलतियाँ  दूर कर आगे बढ़ा जाये यही देश और समय दोनों  की मांग है. 
क्रंदन  में  आहात  
चाँद 

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है

र:  गोपालप्रसाद व्यास   » साली क्या है रसगुल्ला है तुम श्लील कहो, अश्लील कहो चाहो तो खुलकर गाली दो ! तुम भले मुझे कवि मत मानो मत वाह-वाह की ताली दो ! पर मैं तो अपने मालिक से हर बार यही वर माँगूँगा- तुम गोरी दो या काली दो भगवान मुझे इक साली दो ! सीधी दो, नखरों वाली दो साधारण या कि निराली दो, चाहे बबूल की टहनी दो चाहे चंपे की डाली दो। पर मुझे जन्म देने वाले यह माँग नहीं ठुकरा देना- असली दो, चाहे जाली दो भगवान मुझे एक साली दो। वह यौवन भी क्या यौवन है जिसमें मुख पर लाली न हुई, अलकें घूँघरवाली न हुईं आँखें रस की प्याली न हुईं। वह जीवन भी क्या जीवन है जिसमें मनुष्य जीजा न बना, वह जीजा भी क्या जीजा है जिसके छोटी साली न हुई। तुम खा लो भले प्लेटों में लेकिन थाली की और बात, तुम रहो फेंकते भरे दाँव लेकिन खाली की और बात। तुम मटके पर मटके पी लो लेकिन प्याली का और मजा, पत्नी को हरदम रखो साथ, लेकिन साली की और बात। पत्नी केवल अर्द्धांगिन है साली सर्वांगिण होती है, पत्नी तो रोती ही रहती साली बिखेरती मोती है। साला भी गहरे में जाकर अक्सर पतवार फेंक देता