और कितना वो आजमाएगा।
इश्क़ इक दिन तो रंग लाएगा।।
रूठता है तो रूठ लेने दो
तंग आकर वो मान जाएगा।।
उसके आंसू खुशी के होते हैं
दर्द होगा तो मुस्कुराएगा ।।
प्यार अपनो का लूटकर कैसे
इतनी नफरत सम्हाल पायेगा।।
ले मेरा दिल तुझे दिया मैंने
कौन इतना तुझे मनाएगा।।
सुरेश साहनी,कानपुर
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