अमरीका की चाकरी, अम्बानी का वेश।
सत्य कहें तो आप कब समझे अपना देश।।1
सरकारी संपति घटी ,बढ़े निजी व्यापार।
बेटा माँ को बेचने ले आया बाज़ार।।2
सरकारी उपक्रम बिके बिके भेल अरु गेल।।
रक्षा राखें राम जी,बिके किश्त में रेल।।3
लोकतंत्र को रौंद कर जीत मिली इस बार।
जन की चिंता क्यों करे ,ईवीएम सरकार।।4
सत्य हारते जा रहे झूठों से संग्राम।
अट्टहास रावण करे हैरत में श्री राम।।5
Comments
Post a Comment