जब देखो तब दिल की बातें करते हो।

कैसी बहकी बहकी बातें करते हो।।


दौलत से तुम दिल पर शासन कर लोगे

कितनी हल्की फुल्की बातें करते हो।।


तुम भी धोखा देने वाले हो शायद

तुम भी अक्सर मन की बातें करते हो।।


डर लगता है इस सर्दी में भी तुमसे 

क्यों तुम दहकी दहकी बातें करते हो।।


अच्छे दिन अब आएंगे नामुमकिन है

नाहक़ अच्छे दिन की बातें करते हो।।


सुरेश साहनी, कानपुर।

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