अम्बानी कितने सरल,अवनी कितनी क्रूर।

उस अवनि को मार कर बने शिकारी शूर।।

बने शिकारी क्रूर डाभ मंत्री जी पीते

मिला न पानी पर प्यासी बाघिन के जीते

महाराष्ट्र सरकार छुपाती कारस्तानी।

शासन हुआ गुलाम, और मालिक अम्बानी ।।


 सुरेश साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है