बदल गए सुर ताल सभी के।
हुए हाल बेहाल सभी के ।।
तानाशाह रहे हैं जितने
बिगड़े आखिर हाल सभी के।।
अपना लाल शहीद न होवे
बनें भगत सिंह लाल सभी के।।
धनीराम भर गांव के जीजा
सार भिखारीलाल सभी के।।
कहाँ जिंदगी ठहर रही है
बदल रहे दिन साल सभी के।।
मौत आखिरी सच है जिससे
कटते हैं जंजाल सभी के।।
-सुरेश साहनी
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