बेशक़ प्यार मुहब्बत वाली बातें कर।

लेकिन किसने बोला ख़ाली बातें कर।।

है मेरी औकात महज दो कौड़ी की

फिर भी मत कर हीलहवाली बातें कर।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

श्री योगेश छिब्बर की कविता -अम्मा

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है