मौन किसी सीमा तक रखना

आगे का मतलब है मरना।।


तुम हो तो सब कुछ है प्यारे

खेल तमाशे क्या है वरना।।


घर की सोच रहे हो फिर क्या

बंजारों में रिश्ता करना।।


ग़ैरों से क्या मतलब लेकिन

अपनों की नफ़रत से डरना।।

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है