सभी पकड़ना चाह रहे हैं

घने वृक्ष की छाँव।

कौन घूमता है ऐसे में 

मेरे मन के गांव।।


पैदा होते है स्टेटस 

सिंबल लेकर बच्चे

कितने होनहार ऐसे में

रह जाते अधकच्चे


शिक्षक भी हैसियत देख

बदला करते हैं भाव।। कौन घूमता है.....


अब अंधों की दूरदृष्टि का

होता है गुण गायन

इस अंधेर नगर की प्रतिभा

करती नित्य पलायन


चकाचौंध हो अंधियारों का

जुगनू करें चुनाव।। कौन घूमता है......


सुरेश साहनी

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