जाने मुझको क्या हुआ है इन दिनों।
हर कोई मुझसे ख़फ़ा है इन दिनों।।
मुझसे मुझको ही मिले मुद्दत हुई
क्या कोई मुझसे मिला है इन दिनों।।
मैं भला नाराज उससे क्यों रहूँ
कुछ तबियत ही जुदा है इन दिनों।।
आदमी मिलते कहाँ हैं आजकल
हर कोई इक देवता है इन दिनों।।
किसको तोहमत दें सराहें किसको हम
जबकि सच कहना मना है इन दिनों।।
बेवफा किसको कहें इस दौर में
कौन तस्वीरे-वफ़ा है इन दिनों।।
सुरेश साहनी, कानपुर
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