तुम भूल गए कैसे मुहब्बत के फसाने।
कहते थे तुम्हीं याद रहेंगे ये ज़माने।।
नज़रों से ज़ेहन ज़ेहन से दिल दिल से मेरी जां
तुम बदला किये अपने ठिकाने पे ठिकाने।।
तुम मुझसे न मिल पाए या मिलना नहीं चाहा
अब लाख करे जाओ बहाने पे बहाने।।
तुम भूल गए कैसे मुहब्बत के फसाने।
कहते थे तुम्हीं याद रहेंगे ये ज़माने।।
नज़रों से ज़ेहन ज़ेहन से दिल दिल से मेरी जां
तुम बदला किये अपने ठिकाने पे ठिकाने।।
तुम मुझसे न मिल पाए या मिलना नहीं चाहा
अब लाख करे जाओ बहाने पे बहाने।।
Comments
Post a Comment