अब पहले जितना वक्त कहाँ

अब भाग दौड़ की दुनिया है।

अब कोई भी रिश्ता बनना

इक बोझ सा लगने लगता है।।

अब एक तकल्लुफ है कहना

पर वो भी भारी लगता है

वो सचमुच चाय न मांग पड़े

भारी बीमारी लगता है।।

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