सोच रहे हैं नए साल में कुछ तो नया नया सा लिख दें।
स्वागत कर लें अभ्यागत का गए साल को टाटा लिख दें।।
छू कर आये चरण बड़ों के बच्चों को जाकर दुलरायें
और सभी मिलने वालों से मिलकर मंगल वचन सुनाएं
नए तरह से लिखें बधाई या संदेश पुराना लिख दें।।
बोल बोल कर वहीं पुराने जुमले मजमा नया लगाएं
या कह कर के नया तमाशा खेल पुराने ही दोहराएं
लम्बे चौड़े भाषण पेलें जन कल्याण जरा सा लिख दें।।
सोच रहे हैं नया कहाँ है यह निस दिन आता जाता है
है भविष्य से आशंकाएं पर अतीत से कुछ नाता है
मन को नया कलेवर तो दें तन हित भी प्रत्याशा लिख दें।।
Comments
Post a Comment