कह रहा है मुजस्समा मुझको।
कैसे मानूँ है जानता मुझको।।
जानते हैं कई भला मुझको।
कह रहा है कोई बुरा मुझको।।
जिसको अहले वफ़ा कहा तुमने
दे रहा है वही दगा मुझको।।
हो न् हो लौट कर वो आएगा
उम्र भर ये भरम रहा मुझको।।
मैंने उसका मुकाम माँगा जब
उसने सौंपा मेरा पता मुझको।।
दूर रहता है इस तरह गोया
दे रहा है बड़ी सज़ा मुझको।।
अलविदा क्यों सुरेश को कह दें
मुद्दतों बाद है मिला मुझको।।
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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