सर्दी पर लिख लिख हुए सारे दास कबीर।

कितनों ने अनुभव करी ,हल्कू की वह पीर।। दोहा

सुरेश साहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है