तमाम दिन भाग दौड़ के चलते 

हम तक़ल्लुफ़ भी छोड़ देते हैं।

जिनपे चलते हैं दोस्त या अपने

ऐसी  राहों को  मोड़ देते हैं।।

और तब तक कमी नहीं खलती

जब तलक हम हवा में होते हैं।

और जब टूटकर बिखरते हैं

तब हमें दोस्त याद आते हैं।।

सभी फेसबुक  मित्रों को आज तसल्ली भरा नमस्कार!!!!!

सुप्रभात!!!!!!

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