ये किस्सों के भी चलते हैं हकीकत के भी चलते हैं।।

जवानी में तो अक्सर दौर तोहमत के भी चलते हैं।।

कि फाकाकश फकीरों के कई किस्से सुने होंगे

मगर ये दौरे-गर्दिश मा बदौलत के भी चलते हैं।।

मुहब्बत कर न पाये तुम चलो नफ़रत ही कर लेते

सुना है उम्र भर रिश्ते अदावत के भी चलते हैं।।सुरेशसाहनी

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है