आशिक़ी

 इश्क़ होता तो आशिक़ी रहती।

आप होते तो ज़िन्दगी रहती।।


वज़्म में लाख तीरगी रहती।

उनके रहने से रोशनी रहती।।


मयकदा कब किसी से कहता है

वो न होता तो तिश्नगी रहती।।


मिल के दरिया में हो गयी दरिया

यूँ भी कब तक  नदी नदी रहती।।

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