हममें तुममें न इत्तेफ़ाक़ रहा।

हर ख़ुशी से यहाँ तलाक रहा।।

ज़िन्दगी इतनी बदमज़ा कब थी

तुमसे मिलना मगर मज़ाक़ रहा।।SS

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