क्या गंगा में घड़ियाल होते हैं।

सुना है घड़ियाल भी रोते हैं।

मछलियों की मासूमियत सबको मालूम है

पर बड़ी मछलियों की बात और है

उन्हें पक्का मालूम होगा

वैसे रोने के लिए दुखी होना ज़रूरी भी नहीं

नरसंहार के बाद रोया था अशोक भी 

फूट फूट कर ज़ार ज़ार लगातार......

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