याद आया वह सावन भीगा।
आँचल भीगा जोबन भीगा ।।
जो चोरी से मन ले भागा
बरसों उसकी याद में जागा
लेकर अपना दामन भीगा।।
वहीं कहीं पर खोया बचपन
वहीं जहाँ पर भीगा तन मन
जहाँ मिला नवजीवन भीगा।।
कितना मादक कितना कोमल
प्रमुदित किसलय प्रफुटित कोंपल
याद आया वह सावन भीगा।
आँचल भीगा जोबन भीगा ।।
जो चोरी से मन ले भागा
बरसों उसकी याद में जागा
लेकर अपना दामन भीगा।।
वहीं कहीं पर खोया बचपन
वहीं जहाँ पर भीगा तन मन
जहाँ मिला नवजीवन भीगा।।
कितना मादक कितना कोमल
प्रमुदित किसलय प्रफुटित कोंपल
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