किसको किससे सरोकार है छोड़ो भी।
सामाजिकता निराधार है छोड़ो भी।।
कौन शिकारी है बस इतना ध्यान रहे
कौन कहाँ किसका शिकार है छोड़ो भी।।
मेरे जैसे जाने कितने मिलते हैं
वो खुद अच्छा शाहकार है छोड़ो भी।।
तुम भी कितने संजीदा हो जाते हो
शायद तुमको प्यार वार है छोड़ो भी।।
किसकी चिंता में तुम बैठे हो उसके
साथी बंगला और कार है छोड़ो भी।।
नाहक उसकी मान मनौवल करते हो
जाने कितना अहंकार है छोड़ो भी।।
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