भटकन नई दिशा देती है।
भूली राह बता देती है।।
खोजो तो प्रभु भी मिलता है
भटकन यही पता देती है।।
थके हुए तन विचलित मन को
यह भर नींद सुला देती है
नए नीड़ के सृजन हित पुनः
सोए भाव जगा देती है।।
कोलम्बस से पूछो भटकन
जीवन सफल बना देती है।।
साधारण से राज कुँवर को
प्रभु श्रीराम बना देती है।।
सुरेश साहनी ,कानपुर
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