बेटी बीबी माई हूँ मैं।
रिश्तों की रानाई हूँ मैं।।
मेरी दुनिया हो मत पूछो
किस दुनिया से आई हूँ मैं ।।
उस दुनिया में सब कहते थे
ये घर नहीं परायी हूँ मैं ।।
उजियारा है मुझसे घर में
या पति की परछाई हूँ मैं।।
मैं मेरी पहचान नहीं हूँ
कैसे समझ न पाई हूँ मैं।।
*सुरेशसाहनी ,कानपुर*
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