केवल अपने वास्ते सज़ा रहे हो स्वर्ग।।

सारे मारे जाओगे लाख बना लो वर्ग।।

सचमुच में होता कहीं यदि ऐसा स्थान।

सर्पों में न विराजते लक्ष्मी पति भगवान।।

बस इतने में जानिए स्वर्ग नर्क का खेल।

एक पुण्य की कैद है एक पाप की जेल।।

चर्बी मध्यम वर्ग की छांट रही सरकार।

फिर भी तलवे चाटना श्वान वृत्ति है यार।।

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