चेहरा घुमा लें या हम मुंह पर रुमाल रख लें।

दिल से खुशी मनाएं रुख पर मलाल रख लें।।


गिरगिट की तरह कैसे पल पल में रंग बदलें

एहसास मार डालें मोटी सी खाल रख लें।।


तुम थूक कर के चाटो यह देश बेच डालो

गद्दार हम तुम्हारा कैसे खयाल रख लें।।


निगमीकरण करो तुम हम बोल भी न पाएं

आंखों में कैसे अपनी सूवर का बाल रख लें।।


हम तुमको वोट  देकर पछता रहे हैं कितना

तुम से है बेहतर हम कोई दलाल रख लें।।

सुरेश साहनी

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