कभी तो धूप के साये से निकलो।

अंधेरों से न कतराए से निकलो।।

चलो सड़कों पे तो बिंदास जानम

न झिझको और न घबराए से निकलो।।

चलो हमपे खफ़ा हो लो चलेगा

यूँ बाहर तो न झल्लाये से निकले।।

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