हमने तो फिर भी गुज़ारा कर लिया।

किसलिए तुमने किनारा कर लिया।।

तुम हमें मंझधार में छोड़ आए जब

हमने मौजों का सहारा कर लिया।।

हँस दिए जो तुम मेरे हालात पर

तुमने खुद को ही बेचारा कर लिया।।

बेनयाजी चाँदनी की देखकर

चाँद ने अपना उतारा कर लिया।।

तुम थे हरजाई तुम्हे क्या उज़्र है

हमने अपना घर दुबारा कर लिया।।

सुरेशसाहनी

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