समर शेष है शेष समर है।
द्रोण तुम्हारे शिष्य किधर है।।
शत को शत प्रतिशत दे डाला
और एक से छल कर डाला
क्यों इसका कोई उत्तर है।।
एक कार्य यह किया अनूठा
छल से मांग लिया अंगूठा
कहो दोष यह किस किस पर है।
अश्वत्थामा आज किधर है
नर है या कोई कुंजर है
और युधिष्ठिर भी पामर है।।
राजपुत्र राजा ही होगा
कितना मान भला वो देगा
एकलव्य फिर भी तत्पर है।।
आज सभी सत्ता के अनुचर
कहो कहाँ से हैं वे गुरुवर
गुरु स्थान बहुत ऊपर है।।
माना गुरु सम हैं पितु माता
किन्तु गुरू है भाग्य विधाता
ऐसा गुरु हरि से ऊपर है।।
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