आप आये तो कुछ खयाल आये।
आँधियों की तरह सवाल आये।।
हम जिन्हें देवता समझते थे
वो ही दोज़ख़ में हमको डाल आये।।
कुछ जिना कुछ गुनाह हो जाते
जाने कैसे वो वक्त टाल आये।।
तुम थे मदहोश हम भी पागल थे
गिरते गिरते तुम्हे सम्हाल आये।।
आईने से गुरुर कर बैठो
तुम पे इतना भी ना जमाल आये।।
मैंने तुमको दिया था दिल अपना
तुम न जाने कहाँ पे डाल आये।।
गैर का अब ख्याल मत करना
फिर न शीशे में मेरे बाल आये।।
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