जीवन को उपहार लिखो कवि
जितना हो श्रृंगार लिखो कवि
किन्तु देश जब संकट में हो
तब केवल ललकार लिखों कवि
बेशक़ सब कुछ प्यार लिखो कवि
जीत हृदय की हार लिखो कवि
पर जब बात देश की आये
तन मन उस पर वार लिखो कवि
प्रेयसि से मनुहार लिखो कवि
मधुपुरित अभिसार लिखो कवि
पर जब सीमा पर संकट हो
बम बम का उच्चार लिखो कवि
तोड़ कलम तलवार गहो कवि
प्रलयंकर अवतार गहो कवि
मधुर मिलन के गीत न गाकर
शब्दों में हुँकार लिखो कवि।।
साहनी
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