मृत्यु का आधार जीवन
मृत्यु के उस पार जीवन
मृत्यु भी स्वीकार कर लो
है अगर स्वीकार जीवन
वह अटल जीवन जिया था
मृत्यु तो सबकी अटल है
जिंदगी जीना कठिन है
मृत्यु पथ फिर भी सरल है
मृत्यु से तब भागना क्या
मृत्यु है हर बार जीवन।।
आदमी जब आदमी को
ही घृणा से देखता है
दूसरे की मृत्यु में अमरत्व
अपनी देखता है
सोचता हूँ क्यों नहीं
दिखता उसे निःसार जीवन।।
Suresh sahani kanpur
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