उस ख़ुदा ने तो हुस्नवार किया।

सच कहो किसने दागदार किया।।


वो तिज़ारत है हुस्न के बदले

तुम जिसे कह रहे हो प्यार किया।।


वो किसी ग़ैर का हुआ आख़िर

हमने नाहक ही इंतज़ार किया।।


पर मेरा इज़तेराब तो देखो

बेवफ़ा का भी ऐतबार किया।।


यकबयक दिल का आईना टूटा

उसने क्या क्या न था क़रार किया।।


सुरेश साहनी , kanpur

9451545132

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है