अहंकार की नींद में सोए चौकीदार।
था ऐसे माहौल में हुआ कृष्ण अवतार।।
सुर नर मुनि जन थे त्रसित सत्ता थी मद अंध।
वासुदेव अवतरित हो बने यशोदानन्द ।।
मिली बरसते मेघ में शेषनाग की छाँह।
परसि चरण श्रीकृष्ण के दी यमुना ने राह।।
सुरेश साहनी कानपुर
अहंकार की नींद में सोए चौकीदार।
था ऐसे माहौल में हुआ कृष्ण अवतार।।
सुर नर मुनि जन थे त्रसित सत्ता थी मद अंध।
वासुदेव अवतरित हो बने यशोदानन्द ।।
मिली बरसते मेघ में शेषनाग की छाँह।
परसि चरण श्रीकृष्ण के दी यमुना ने राह।।
सुरेश साहनी कानपुर
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