तलाशता रहा बरसो बरस जिसे न मिला।

और उससे अगर मिला तो वोभी मैं निकला।।

जो बनके बोझ मुझपे उम्र भर सवार रहा

वो मैं ही था मेरी चिता में मेरे साथ जला।।SS

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