इश्क़ से  दुश्वारियां  जाती रहीं।

हुस्न की ऐयारियाँ जाती रहीं।।


दोस्तों ने ज़ख्म इतने दे दिए

दूसरी  बीमारियां   जाती रहीं।।


आपकी इस दिल में क्या आमद हुयी

जाने कितनी यारियां जाती रहीं।।


पास आकर दूर उनसे हो गए

दूर रहकर दूरियाँ जाती रहीं।।


वस्ल को लेकर बड़े अरमान थे

जब मिले तैयारियाँ जाती रहीं।।


सुरेश साहनी ,अदीब

कानपुर

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