यही काम तो हर कोई करता है श्रीमान।
फिर क्यों निंदा एक कि दूजे का गुणगान।।
साथ आपके आ गया तुरत हो गया सन्त।
साथ छोड़ जाते कहा डाकू उसे तुरंत।।
सत्ता के सापेक्ष है ई डी का व्यवहार।
एक जगह बन ही गयी ईडी की सरकार।।
साथ मलाई चाटते मिलकर पक्ष विपक्ष।
कह सुरेश कलिकाल में जनता ही प्रतिपक्ष।।
मौसम की हर चाल को नेता लेता भाँप।
नेता से पीछे सभी गिरगिट हो या साँप।।
सुरेश साहनी कानपुर
9451545132
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