छोड़िये खालिको-खलक की बात।

पहले करिये हमारे हक की बात।।

जब जमीं ही नहीं सलामत है

क्या करे आसमां तलक की बात।।

तू भले मन की बात करता है

झूठ निकली है आजतक की बात।।

तेरा जलवा भी क्या कयामत है

चार सूं है तेरी झलक की बात।।

होश बाकी रहे तो बात करे

तेरी उठती हुयी पलक की बात।।

मेरी उम्मत को जाननी होगी

हर सियासी उठापटक की बात।।

साथ के लोग अब न बहकेंगे  

जानते हैं तेरे हलक की बात।।

जिनको अपनी जमीं का इल्म नहीं

हैफ वो करते हैं फलक की बात।।

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