सब ज़हाँ पीछे छोड़ आये हैं।
तब कहीं खुद के पास आये हैं।।
उनको अपना ही गम सताता है
हमने दुनिया के गम उठाये हैं।।
हम तो इक आप के न हो पाए
आपने कितने आज़माये हैं।।
हमने जब भी वफ़ा की बात करी
आप क्यों इतना तिलमिलाये हैं।।
वक़्त ही बेरहम रहा अपना
क्यों कहें आप के सताए हैं।।
#सुरेशसाहनी
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