हे गौरी के लाल शरण हम तुम्हरी आये हैं।
देवों के भूपाल......
शिव चिंतन से उपजे हो प्रभु
हर उबटन से उपजे हो प्रभु
त्रिपुरासुर के भय से कम्पित
जन वंदन से उपजे हो प्रभु
हो दुष्टों के काल.........
देवों सन्त जनों के त्राता
रिद्धि सिद्धि ऐश्वर्य प्रदाता
प्रथम देव हो सब देवों में
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता
हे बल बुद्धि विशाल ..........
वक्रतुंड तन गिरि सम धारा
सूर्य कोटि सम रूप तुम्हारा
विघ्न रहित हो कारज मेरे
सदा सुमङ्गल जीवन सारा
गजमुख उन्नत भाल......
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