रक़्स चलने दो मान भी जाओ।
इश्क़ की बेड़ियाँ न पहनाओ।।
वो जो आये हैं साथ ग़ैरों के
बिजलियों आज हमपे गिर जाओ।।
बन्द हो बातचीत ठीक नहीं
कुछ तो कह जाओ कुछ तो सुन जाओ।।
प्यार को दुश्मनी की हद तक लो
मार दो या तो हमपे मर जाओ।।
प्यार सौदा है सिर्फ घाटे का
आज मिट्टी के मोल बिक जाओ।।
Suresh Sahani
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