बेवज़ह अश्क़ बहायें क्यूँकर।

इश्क़ में ख़ुद को मिटायें क्यूँकर।।


शम्मे-महफ़िल के लिये क्या मरना

ख़ुद को परवान चढ़ाएं क्यूँकर  ।।

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