तुमसे होली में मिल लेते होली हो जाती

तन मन सतरंगी कर लेते होली हो जाती

तुमको सिर्फ निहारा करना फागुन लगता है

तुमको बाहों में भर लेते होली हो जाती

एक तरफा यह प्रीत हमारी सूखा सावन है

तुम स्वीकार हमें कर लेते होली हो जाती

तुम चाहो तो जीवन अपना जीवन हो जाता

तुमको होली में रंग लेते होली हो जाती

#होली

Suresh Sahani

Comments

Popular posts from this blog

भोजपुरी लोकगीत --गायक-मुहम्मद खलील

र: गोपालप्रसाद व्यास » साली क्या है रसगुल्ला है